Sunday, December 28, 2014

हर वक्त

हर वक्त में जाना है 
हर वक्त में माना  है 
हर वक्त में जीना  है 
हर वक्त में चलना  है

हर वक्त में रोड़ों से 
लड़ कर आगे बढ़ना है 
ये जीवन की कढ़नाईयों में
 ही तो आगे बढ़ना है 

जीवन में संघर्ष बहुत है 
संघर्षों के दोरनो में 
गिर कर भी लड़ना है 
लड़ते -लड़ते गिर कर 
फिर से उठ कर चलना है

हर वक्त में जीना है
हर वक्त में चलना  है 
अपने ही दम पर सबको 
आगे ही बढ़ना है

तुम रुकना नहीं किसी ठोकर पर 
क्यूंकि तुम्हे चलना है
 आगे ही बढ़ना है
हर वक्त में जीना  है 
हर वक्त में चलना  है


Terminology of this poem:
हर वक्त : Every time
जाना :  Understood
माना :  Accept
रोड़ों : Obstacles
दोरनो : During

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