हर वक्त
हर वक्त में जाना है
हर वक्त में माना है
हर वक्त में जीना है
हर वक्त में चलना है
हर वक्त में रोड़ों से
लड़ कर आगे बढ़ना है
ये जीवन की कढ़नाईयों में
ही तो आगे बढ़ना है
जीवन में संघर्ष बहुत है
संघर्षों के दोरनो में
गिर कर भी लड़ना है
लड़ते -लड़ते गिर कर
फिर से उठ कर चलना है
हर वक्त में जीना है
हर वक्त में चलना है
अपने ही दम पर सबको
आगे ही बढ़ना है
तुम रुकना नहीं किसी ठोकर पर
क्यूंकि तुम्हे चलना है
आगे ही बढ़ना है
हर वक्त में जीना है
हर वक्त में चलना है
Terminology of this poem:
हर वक्त : Every time
जाना : Understood
माना : Accept
रोड़ों : Obstacles
दोरनो : During
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