ऐसे क्यूँ
अलफ़ाज़ बदल रहे हैं
मतलब बदल रहे हैं |
समय के साथ इंसान
ऐसे क्यूँ बदल रहे हैं ||
साथ साथ रहकर भी
दूर हो रहे हैं |
रिश्तों के ये धागे
ऐसे क्यूँ बदल रहे हैं ||
जान कर भी अनजान हैं
शब्दों से भी नादान हैं |
चेहरों पर ये मुखोटे
ऐसे क्यूँ बदल रहे हैं||
चाहा कर भी मज़बूर हैं
मन से भी कमज़ोर हैं |
परिस्तिथियों के ये पल
ऐसे क्यूँ आ रहे हैं ||
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