Tuesday, August 18, 2015

      

ऐसे क्यूँ 



अलफ़ाज़ बदल रहे हैं 
मतलब बदल रहे हैं |
समय के साथ इंसान 
ऐसे क्यूँ बदल रहे हैं ||

साथ साथ रहकर भी 
दूर हो रहे हैं |
रिश्तों के ये धागे 
ऐसे क्यूँ बदल रहे हैं ||

जान कर भी अनजान हैं 
शब्दों से भी नादान हैं |
चेहरों पर ये मुखोटे 
ऐसे क्यूँ बदल रहे हैं|| 

चाहा कर भी मज़बूर हैं 
मन से भी कमज़ोर हैं |
परिस्तिथियों के ये पल
ऐसे क्यूँ आ रहे हैं ||